काल सर्प दोष पूजा – Kaal Sarp Dosh Puja

जन्म कुंडली में यदि राहु और केतु के बीच एक ही तरफ सभी सातों ग्रह सूर्य ,चंद्र, मंगल ,बुध ,गुरु, शुक्र, शनि, पड़ जाए तो कालसर्प नामक योग बनता है इस योग में उत्पन्न जातक पुरुष अथवा स्त्री को व्यवसाय धन परिवार एवं संतान आदि के कारण विभिन्न परेशानियों एवं दुखों से पीड़ित रहना पड़ता है

वास्तव में राहु केतु छाया ग्रह हैं राहु का देवता काल है केतु का देवता सर्प है कालसर्प योग के प्रभाव के कारण प्रत्येक कार्य में विघ्न बाधाएं तथा आर्थिक उन्नति में बाधाएं रहती हैं

लक्षण

इस योग के कारण जातक को स्वप्न में सर्प दिखाई देते ,हैं पानी दिखाई देता है, अपने आप को उड़ते हुए देखता है, परिवार के किसी सदस्य पर विपत्ति आ जाना,

पितृ देखना ,सर्प और नेवले की लड़ाई देखना ,गृह क्लेश ,आदि कालसर्प योग के लक्षण हैं

कालसर्प दोष केवल ग्रह जनित पीड़ा है इसलिए इसकी शांति मुख्य रूप से द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से किसी एक ज्योतिर्लिंग के निकट होती है क्योंकि इस योग के अधिष्ठाता श्री महाकाल हैं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग एवं सिद्ध शक्तिपीठ कालिया नाग के निवास स्थल पुण्य सलिला छिपा गंगा के तट पर उज्जैन नगर में है प्रयागराज में ,नासिक में ,यदि यह सब संभव ना हो तो अपने निकट के मंदिर में द्वादश ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए निम्न उपाय किए जाते है

कालसर्प दोष शांति के लिए उपाय

कालसर्प दोष की शांति के लिए मुख्य रूप से

रुद्र अभिषेक ( ग्रह शांति) ( सर्प दोष पितृदोष शांति )

एवं (शिव पूजन) पुराणों की विधि से किसी योग्य ब्राह्मण से एवं विधि पूर्वक (महामृत्युंजय )का जप कराएं साथ ही शिवलिंग पर चांदी का सर्प युगल नाग चढाये नाग स्तोत्र एवं नाग पूजन और रुद्र अभिषेक आदि कराना शुभ होता है

घरेलू उपाय

1,शनिवार को एक नारियल तेल और काले तिल का तिलक लगाकर कलावा बाध कर जातक के सिर पर तीन बार उतारकर बहते पानी में बहा दें 5 शनिवार करें

2,शनिवार को कुत्तों को दूध और चपाती डाले

3,गाय और कोवा को तेल में पराठे बना कर डालना शुभ होता है

4,यदि जातक के वैवाहिक जीवन में बाधा हो तो घर की चौखट पर चांदी का स्वस्तिक चिन्ह बनवा कर लगवाएं

5,घर में मोर पंख पवित्र स्थान पर रखें तथा भगवान शिव का ध्यान करते हुए प्रातः उठते ही तथा सोने से पहले मयूरपंख से हवा करें

6,नाग पंचमी का व्रत करें तथा नवनाग स्तोत्र का पाठ करें अनंत चतुर्दशी का व्रत भी रख सकते हैं

इसके अतिरिक्त महाकाल रूद्र स्तोत्र मनसा देवी नाग स्तोत्र महामृत्युंजय स्तोत्र का विधान से पूजन हवन करने से कालसर्प दोष की शांति हो जाती है

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