वास्तु शांति जाप – Vastu Shanti Jaap

Vastu Pooja

घर में परेशानियां खत्म नहीं हो रही, पैसा टिक नही रहा, कर्ज की समस्या है तो वास्तु शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं, इनके करने से जीवन की समस्याएं खत्म होने लगती हैं। वास्तु किसी भी घर के रहने वालों को शांतिपूर्वक रहने में परम सहायक होते हैं, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवेश होता है। वास्तु के इन उपायों के करने से जीवन को फिर से ऊर्जावान और समृद्धि वाला बना सकते हैं घर में वास्तु दोष होने से मनुष्य मानसिक रुप से पीड़ित रहता है. आर्थिक रुप से बहुत परेशान रहता है. अथक परिश्रम करते हुए भी उसके जीवन में सुख शांति नहीं आती है. घर में नकारात्मक उर्जा बढ़ती रहती हैं, जिसकी वजह से घर का वातावरण दूषित हो जाता है. परिवार में लड़ाई झगड़े के संभावना बनती है. घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है. घर के वास्तु को ठीक कर के हम घर में सुख और शांति से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं. वास्तु दोष दूर होने से घर की सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है.

वास्तु पूजन करने से एक दिन पहले सम्पूर्ण घरकी साफ सफाई करवानी चाहिए । रंगोली एवं पुष्प से घर को सजाना चाहिए।

वास्तु पूजन के दिन वास्तु पूजन में बैठने वाले पति पत्नी को उपवास रखना होता है। वास्तु पूजन की प्रक्रिया के बाद भोजन किया जा सकता है।

वास्तु पूजन 

के लिए जातक को सूर्योदय की दिशा याने पूर्वे में मुख रखना है। अपनी बायीं बाजु पत्नी को बिठाना है। ये सभी मार्गदर्शन ब्राह्मण देवता के द्वारा मिलता है।

ब्राह्मण के द्वारा मंत्रोच्चर किया जाता है। सबसे पहले स्थान शुद्धि, आसान शुद्धि, शरीर शुद्धि की जाती है।

प्रथम पूजनीय विग्नहर्ता श्री गणेश की पूजा से वास्तु पूजन विधि की शरुआत होती है।

कलश स्थापन और नवग्रह पूजन किया वास्तुमंडल पूजन, जिस 81 पदों में 45 देवताओ का निवास होता है, उस 81 पद में वास्तु चक्र का निर्माण किया जाता है। सभी 45 देवता को आहुति दी जाती है और पूजन किया जाता है।

सभी दिशाओ, धरती माता ( पृथ्वी ) आकाश ( नभ ) का पूजन किया जाता है। ध्वजा स्थापन, वास्तु पुरुष स्थापना, वास्तु देवता होम, अभिषेक, एवं गृह हवन और वास्तु जप के साथ ब्रह्म भोजन, उत्तर भोजन के साथ पूर्णाहुति जैसे सभी धार्मिक विधि वास्तु की जाती है।

वास्तु पूजन के लाभ

हिन्दू धर्म ग्रथो में नए निर्माण के लिए वास्तु पूजन अनिवार्य बताया गया है। वास्तु पूजन से मनुष्य को अनेक लाभ होते है। घर से किसी भी तरह का दोष दूर होता है।

घर एक मंदिर की तरह पवित्र हो होता है।परिवार के सभी सदस्यों में प्रेम भावना बनी रहती है।

घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है, जो जीवन में खुश हाली भर देती है।परिवार के सभी सदस्य को मानशिक एवं शारारिक स्वस्थता की अनुभूति होती है।वास्तु पूजन विधि अनहोनी, नुकशान एवं दुर्भाग्य से हमें दूर रखता है।वास्तु देव पूजन से घरमे कलह, दरिद्रता एवं बीमारी हमेशा दूर रहती है।वास्तु देवता की उपासना से हमारी सभी मनोकाना पूर्ण होती है।लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। धन धान्य की कमी नहीं रहती।

आसान उपाय

1- नया मकान बनवाते या नया फ्लैट खरीदते समय गृह प्रवेश के दौरान वास्तु के देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए।

2- घर से वास्तु दोष को दूर करने के लिए मुख्य प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह जरूर लगाएं। यहीं से सबसे पहले नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं।

3- घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ अशोक के पेड़ लगाने से सुख-शान्ति आती है। इसके अलावा ऐसा करने से वंश की वृद्धि होती है।

4 – घर के प्रवेश द्वार पर घोड़े की नाल (लोहे की) लगाने से भी वास्तु दोष दूर हो जाती है। जाती है।

5- जिस घरों पर गेंदे का पौधा या तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां कभी भी किसी तरह का वास्तुदोष उत्पन्न नहीं होता।

6-घर पर बने मंदिर में नियमित रूप से घी का दीपक जलाने से कभी भी नकारात्मक ऊर्जाएं घर के अंदर प्रवेश नहीं करती।

7- सुबह पूजा के दौरान शंख बजान से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जाती है।

8- घर पर झाडू को हमेशा उचित स्थान पर ही रखें और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कभी भी झाडू को पैर से स्पर्श ना करें।

9- ईशान कोण में कोई भी भारी वस्तु और कचरा न रखें ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है।

10- घर पर उत्तर दिशा में कभी भी स्टोररूम ना बनाएं है।

11-अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो मुख्य द्धार पर श्वेतार्क गणपति की प्रतिमा लगानी चाहिए।

ग्रह प्रवेश पर रखे ध्यान

वास्तु पूजन के बाद गृह प्रवेश की धार्मिक विधि होती है। हमें गृह प्रवेश ब्राह्मण देवता ही कराते है। ये धार्मिक क्रिया मंगलवार एवं रविवार को वर्जित मणि जाती है। मंगलवार एवं रविवार के दिन छोड़कर यह विधि हो तो अति उत्तम माना जाता है।

अमावश्या एवं पूर्णिमा को छोड़कर दूसरी कोई तिथि पे गृह प्रवेश उत्तम लाभदायी होता है। यह सभी निर्णय हमारे नजदीकी ब्राह्मण देवता से मुहरत निकल कर लेना चाहिए।

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