गुरु कोंन हैं
गुरु वो आधार है जो हमे भगवान से मिलने का सहज साधन बताकर हमारी शरणागति में अहम भूमिका निभाते है
हमारे जीवन मे दो तरह के गुरु होते हैं
पहले होते हैं शिक्षा गुरु
दूसरे होते हैं दीक्षा गुरु
शिक्षा गुरु जीवन मे अनेक हो सकते हैं यानी हमे किसी से भी शिक्षा प्राप्त हो उसे हम शिक्षा गुरु कहते है
दीक्षा गुरु जीवन मे एक ही होते हैं गुरु किसी व्यक्ति का नही बलिक जो हमे भगवान की शरणागति कराते हैं भगवान से मिलने का रास्ता बताते है उन्हें हम गुरु कहते हैं गुरु और गोविंद में हमे कोई भेद नही समझना चाहिये
गुरु पूजा का विशेष महत्व गुरु पूर्णिमा को होता है
गुरु पूर्णिमा पूजन के लाभ
शास्त्रों में गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन का विशेष महत्व होता है। इस शुभ तिथि पर गुरु पूजन से अनेक तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
– जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित कोई दोष हो तो गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन करने से यह दोष खत्म हो जाते हैं।
– गुरु पूजन से कुंडली में मौजूद पितृदोष भी खत्म हो जाता है।
– गुरु पूजन से भाग्योदय होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास रहता है।
– गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन करने से नौकरी,व्यापार और करियर में फायदा होगा
पूजन विधि: इस दिन प्रातःकाल स्नान पूजा आदि नित्यकर्मों को करने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए। फिर व्यास जी की प्रतिमा को सुगन्धित फूल या माला चढ़ाकर अपने गुरु से मिलने जाना चाहिए। अपने गुरु को आसन पर बैठाकर उन्हें पुष्पमाला पहनानी चाहिए। इसके बाद उन्हें श्रद्धानुसार वस्त्र, फल, फूल व माला अर्पित करनी चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के मंत्र:
-गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
-ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
-ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
-ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
-ॐ गुरुभ्यो नम:।
ज्योतिषशास्त्र अनुसार अगर करियर में तरक्की न हो रही हो तो उसके लिए इस दिन किसी जरूरतमंद को पीली चीजें दान करनी चाहिए। जैसे चने की दाल, बेसन, पीला वस्त्र और पीली मिठाई या फिर गुड़। अगर पुखराज दान कर सकते हैं तो किसी योग्य व्यक्ति को उसका दान जरूर करना चाहिए।