जय श्री श्याम हरे लिरिक्स

जय श्री श्याम हरे –2
खाटू धाम  विराजित 
पूर्ण काम करें 
ओम जय श्री श्याम हरे,,,, अनुपम रूप धरे

गल पुष्पों की माला ,सिर पर मुकुट धरे ,
पीत बसंन पीतांबर ,कुंडल कर्ण पड़े 
ओम जय श्री श्याम हरे 

रत्न जड़ित सिंहासन , सेवक भक्त खड़े 
खेवट धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले 
जय श्री श्याम हरे 

मोदक खीर चूरमा सुवर्ण थाल भरे
सेवक भोग लगावे सिर पर चवर ढूरें 
जय श्री श्याम हरे 

झांज नगाड़ा और घड़ियावल शंख मृदंग पूरे 
भक्त आरती गावे जय जयकार करे 
जय श्री श्याम हरे 

जो ध्यावे फल पावे सब दुख से उभरे 
सेवक जन निज मुख से श्याम श्याम उचरे 
जय श्री श्याम हरे 

श्याम बिहारी जी की आरती जो कोई नर गावे 
कहत आलु सिंह स्वामी मनवांछित फल पावे
जय श्री श्याम

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