● मंगल शान्ति के लिए उपाय
मंगल ग्रह 1, 2, 4, 5, 7, 8, 9, एवं 12 भावों में स्थित मंगल, बुध अथवा शनि आदि शत्रु ग्रहों से दृष्ट या युक्त, या अपनी नीचराशि (कर्क) में अशुभ कारक होता है। जन्म कुण्डली या वर्ष कुण्डली में मंगल अशुभ एवं बाधा कारक हो, तो निम्न मन्त्रों में से किसी एक मन्त्र का कम से कम 10 हजार की संख्या में, शुभ मुहूर्त, मंगलवार को लाल पुष्प, लाल चन्दन, अक्षत (चावल), गंगाजल लेकर संकल्प पूर्वक पाठारम्भ करें। सुनिश्चित संख्या में पाठोपरान्त पाठ का दशमांश संख्या में हवन करना चाहिए।
तन्त्रोक्त भौम मन्त्र-
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
पुराणोक्त भौम मन्त्र
-हीं धरणी गर्भसम्भूतं विद्युत् कान्ति समप्रभम् । कुमारं शक्तिं हस्तं तं मंगल प्रणमाम्यहम् ॥
भीम गायत्री मन्त्र
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।।
उपरोक्त मन्त्र जाप के अतिरिक्त अनिष्टकर मंगल की शान्ति के लिए मंगलवार का व्रत रखना,
श्री हनुमान उपासना,
मंगल स्तोत्र पढ़ना, लाल वर्ण की गाय को चारा डालना, मूंगा पहनना, औषधि स्नान करना परन्तु मांस, मछली, शराब आदि से परहेज रखना, विधिपूर्वक बना भौम यन्त्र धारण करना, उद्यापन के दिन ब्राह्मण भोजन कराना शुभ होता है।
भौमशान्ति हेतु दान योग्य वस्तुएँ-
गेहूँ, मसर की दाल, घी, गुड़, सुवर्ण, कनेर के पुष्प, लाल वस्त्र, लाल चन्दन, केशर, नारियल, सेब आदि लाल फल, मूंगा, सोना, ताम्र बर्तन, गुड़ से बने मीठे चावल या मीठी चापातियां, ब्राह्मण भोजन आदि करना शुभ एवं कल्याणकारी रहता है। मंगल ग्रह पराक्रम, साहस, भूमि, भाई, पुत्र, रक्त-बलादि का भी कारक है। यदि अशुभ हो तो रक्त दोष, भ्रातृ कष्ट, आकस्मिक दुर्घटना, वृथा विवाद करवाता है। उपाय- जब कुण्डली में मंगल शुभ एवं योगकारक होता हुआ भी फल न करता हो तो
उपाय
- तांबे की अंगूठी में मूंगा धारण करना अथवा तांबे का कड़ा पहनना।
- मंगलवार को घर में गुलाब का पौधा लगाना तथा 108 दिन तक रात को तांबे के बर्तन में पानी सिरहाने रखकर घर में लगाए हुए गुलाब के पौधे को वहीं पानी डालना।
- मंगलवार का व्रत रखकर 27 मंगल किसी अपाहिज को मीठा विशेषकर गुड से निर्मित भोजन खिलाना
- नंबर नारियल को तिलक करके तथा लाल कपड़े में लपेटकर लगातार तीन मंगलवार चलते पानी में बहाएं
- लाल रंग की गाय लाल वर्ण के कुत्ते को भोजन खिलाना शुभ होगा
- मंगलवार का व्रत रखना चाहिए विशेषकर उन कन्याओं को जिनकी कुंडली में मंगल मंगल की योग बनकर विवाह में बाधा विलंब उत्पन्न कर रहा हो उन्हें मंगला गौरी का व्रत लगातार साथ मंगलवार रखना चाहिए
मंगल- रत्न मूंगा (CORAL)
इसे संस्कृत में अंगारक मणि तथा अंग्रेजी में कोरल (Coral) कहते हैं। गोल, चिकना, चमकदार एवं औसत से अधिक वचनी, सिन्धूरी से मिलते-जुलते रंग का मूंगा श्रेष्ठ माना जाता है। इसका स्वामी ग्रह मंगल है।
परिणाम
- असली मूंगे को खून में डाल दिया जाये तो उसके चारों ओर गाढ़ा रक्त जमा होने लगता है
- असली मूंगा यदि गौ के दूध में डाल दिया जाए तो उसमें लाल रंग की झाई सी दीखने है।
- श्रेष्ठ जाति का मूंगा धारण करने से भूमि, पुत्र एवं भ्रातृ सुख, नीरोगता आदि की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त रक्त विकार, भूत-प्रेत बाधा, दुर्बलता, मन्दाग्नि, हृदय रोग, वायु-कफादि । विकार, पेट विकारादि में मूंगे की भस्म अथवा मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। मेष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुम्भ व मीन राशि एवं लग्न वालों को सुयोग्य ज्योतिषी के परामर्शानुसार करना लाभप्रद होगा।
धारण विधि-
हनुमान चालीसा का पाठ करें
सुन्दर कांड का पाठ करना शुभ होता है
शुक्ल पक्ष के मंगलवार को प्रातः मंगल की होरा में मृगशिर, चित्रा या धनिष्ठा
नक्षत्र में सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वा कर बीज मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके अनामिका उंगली में 6 ,8 ,10, या 12 रत्ती के वजन में धारण करना कल्याणकारी होता है धारण उपरांत मंगल स्तोत्र एवं मंगल की ग्रह का दान करना शुभ होता है शारीरिक स्वास्थ्य एवं मैं मंगल नीच राशि राशि स्थित हो तो सफेद मूंगा धारण किया जाता