नव ग्रह क्या है
नवग्रह नौ खगोलीय पिंड है जिन्हें हिन्दू धर्म मे देवता माना जाता हैं जो हिंदू धर्म और हिंदू ज्योतिष के अनुसार पृथ्वी पर मानव जीवन को प्रभावित करते है इनका मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव होता है
नव ग्रह पूजा क्यों कि जाती है
नौ ग्रहों प्रसन्न करने के लिए नवग्रह पूजा जरूरी मानी जाती है. मान्यता है कि दुर्भाग्य हटाने के लिए नौ ग्रहों के सभी नकारात्मक प्रभाव दूर करने और सुख-शांति के लिए नवग्रह पूजा होती है. जीवन में सफलता के लिए घर पर नवग्रह पूजा कराने का विशेष महत्व रहता है. किसी भी पूजा करने से पहले नवग्रह पूजा अनिवार्य है
नव ग्रह में सबसे प्रधान ग्रह है
सूर्य
सूर्य कमजोर होने से जातक को ह्रदय सम्बन्धी रोग विकार उतपन्न एवं याददास्त कमजोर होती है
चन्द्र
मन के स्वामी है चंद्र ये मन को प्रभावित करते हैं मन भ्रमित चन्द्र की प्रतिकूलता के कारण होता है
भौम (मंगल)
धरती पुत्र मंगल साहस और ऊर्जा का प्रतिक है
बुध
ये बुद्धि और सौंदर्य प्रदान करने वाले वाले हैं
गुरु
गुरु सात्विक सदाचार के लिए गुरु पूजा आवश्यक है
शुक्र
धन वैभव और राज योग शुक्र के प्रभाव से बनते बिगड़ते है
शनि
दशा महादशा साढेसाती आदि शनि की दशा है इनके प्रभाव को कम करने के लिए शनि पूजा आवश्यक है
राहु
ज्योतिषमें राहु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव के कारण जातक को जीवन मे तमाम बाधाओ का सामना करना पड़ता है
केतु
राहु की तरह केतु से जुड़े अशुभ फलों से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
यदि जातक की कुंडली मे नवग्रह नकारात्मक हो जाये तो जातक को अनेक कष्टो व बाधाओ का सामना करना पड़ता है इस लिए नव ग्रह के प्रतिकूलता को समाप्त करने व अपने भाग्य के अनुकूल करने के लिए हमे नव ग्रह पूजा करनी चाहिए