सब आरती उतारो मेरे लालन की । लालन की मेरे लालन की
माता यशोदा करत आरती,
गिरिधर लाल गोपालन की।
कंस निकंदन जय जगवंदन,
कृष्ण कृपालु दयालन की।
सब आरती उतारो
व्रजजन् मिलि सब मंगल गावत,
छबि निरखत नंदलालन की ।
सब आरती उतारो
मोर मुकुट पीताम्बर कुन्डल,
मुख पर लाली गुलाबन की।
सब आरती उतारो
मोतन माल की छटा अति सुंदर,
ऊपर तुलसी मालन की
मोर मुकुट पीताम्बर कुन्डल,
मुख पर लाली गुलाबन की।
कृष्णदास बलिहारि छबि पे,
कृष्ण कन्हैया लालन की।
सब आरती उतारो