जातक की कुंडली में शनि दोष की उपस्तिथि कई प्रकार के अनिष्ट प्रभाव दर्शाता है जो जातक के जीवन में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न करता है। शनि ग्रह दोष के सभी बुरे प्रभावों को इस ग्रह के शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
विशेष
संभव हो तो किसी ब्राह्मण से शनि मंत्र जाप कराये क्योंकि मन्त्र में शुद्वि नियम आसन प्रत्याहार ध्यान धारणा का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है अशुद्ध उच्चारण से मन्त्र फल में भेद हो जाता हैं
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
शनि देव पूजा विधि
शनि देव की कृपा पाने को लेकर नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में उठें. इसके पश्चात शनिदेव को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें. स्नान करते समय जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. सबसे पहले अंजलि में जल रखकर आमचन कर शुद को शुद्ध करें. इसके साथ काले रंग के वस्त्र को पहने. शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूजा सच्ची श्रद्धा से करनी चाहिए. इसके साथ ही, एकाग्र होकर शनि मंत्रों का जाप जरूर करें.
शनिवार के दिन सूर्य उदय से पहले उठकर घर की अच्छे से साफ सफाई करें और फिर खुद भी स्नान आदि से निवृत होकर काले वस्त्र धारण करें फिर ऐसे स्थान पर जहां पर ज्यादा शोर ना हो या फिर कोई ज्यादा आता-जाता ना हो वहां पर साफ सफाई करके एक लकड़ी
- चौकी पर काला या लाल कपड़ा बिछाकर शनि देव की फोटो या फिर काली मूर्ति स्थापित करें.
- मूर्ति स्थापित करने के बाद आप शनि बीज मंत्र जाप के लिए शनि देव बाबा की फोटो या मूर्ति के सामने सरसों तेल का दीपक जलाएं और शनि देव को सिंदूर का तिलक लगाएं और हाथ जोड़कर शनिदेव से यह प्रार्थना करें कि हे प्रभु मैंने आपके मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी करने का जो संकल्प लिया है इसे पूरा करने में हमारी सहायता करना .
- फिर शनि देवता की मूर्ति के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष माला को लेकर शनि बीज मंत्र जाप करने की प्रक्रिया शुरू करें.
- शनिदेव को पूरी तरह से प्रसन्न करने के लिए शनि देव बीज मंत्र का जाप 23000 बार करना शुभ माना गया है.
- ऐसे में शनि देव के बीज मंत्र का जाप करने में काफी दिन लग सकते हैं इसीलिए आप 1 दिन में शनि देव बीज मंत्र का जाप एक माला जाप अवश्य करें और हर दिन सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं.
- इस तरह से हर रोज रुद्राक्ष माला की एक प्रक्रिया पूरी करके शनिदेव इस मंत्र को हर रोज करते रहे जब आपके 23000 बार मंत्र जाप प्रक्रिया पूरी हो जाए तो आप शनि देव की मूर्ति को बहते हुए पानी में विसर्जित कर दें और मंत्र जाप करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप मंत्र जाप करते समय पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मंत्र का जाप करें.