शनि देव सूर्य पुत्र है इनको को धर्म व न्याय का प्रतीक और सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है. मान्यता है कि धर्मराज होने की वजह से प्राय: शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक होते हैं, लेकिन यदि व्यक्ति शुभ कर्म करता है तो उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है सही विधि से शनि देव की पूजा की जाए तो वह अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं।
शनि पूजन की विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। काले कपड़े धारण करे
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में सरसो के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
- इस दिन शनि देव को तेल अर्पित करें।
- शनि देव को पुष्प अर्पित करें।
- शनि देव को भोग लगाएं।
- शनि देव की आरती करें।
- शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनि देव के मंत्रों का जप करें।
- शनिवार को उपवास रखे
पूजन सामग्री
- चावल :
- रोली,मोली
- लौंग,इलायची,सुपारी
- धूप, दीपक
- सरसों का तेल
- नैवेद्य, मिठाई
- ऋतु फल
- रुई,कपूर
- श्री शनिदेव की तस्वीर तथा यंत्र
- तेल में बनीं पूड़ियां
- काला उड़द व काले तिल
- पान के पते
- नारियल, लोहे की नाल
- फूल,