श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं
मोर मुकट तेरे शीश पे सोहे
प्यारी बंसी मुनि मन मोहे
देख छवि में तो बली बली जाऊ
चरणों से निकली हैं गगा प्यारी
जिसने सारी दुनिया तारी
उन चरणों के में दर्शन पाउ
दास अनाथ के नाथ आप हो
सुख दुख जीवन साथ आप हो
उन चरणों को में शीश झुकाऊँ
श्री हरिदास के प्यारे तुम हो
मेरे मोहन जीवन धन हो
प्यारी छवि तेरी मन में बसाऊ