कोन है विश्कर्मा जी
वेदों के अनुसार विश्वकर्मा जी ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र थे। विश्वकर्मा ऐसे शिल्पकार थे जो कि भगवान और देवताओ के लिए निर्माण सर्जन कार्य करते थे आज के युग मे भी विश्कर्मा जी का हम बड़े भाव से पूजन करते हैं मान्यता है कि आज भी कारखानों में उपयोगी मशीनों और पुर्जों का उत्पादक बढ़ाने के लिए विश्कर्मा जी का पूजन किया जाता है और इसी कारण से उनकी जयंती पर सभी उद्योगों, फैक्ट्रियों में विश्वकर्मा की पूजा की जाती
विश्वकर्मा पूजा कैसे की जाती है?
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन फैक्ट्रियों और ऑफिसों में लगी हुई मशीनों की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है की अगर भगवान विश्वकर्मा जी प्रसन्न हुए तब, व्यक्ति का व्यापार और ज्यादा तरक्की करता है। यदि हम पूजा विधि के बारे में जानें तब, ऐसा करने के लिए आप सबसे पहले अक्षत अर्थात चावल, फूल, मिठाई, फल रोली, सुपारी, धूप, दीप, रक्षा सूत्र, मेज, दही और भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर इत्यादि की व्यवस्था कर लें। और विधान से किसी ब्राम्हण को बुलाकर पूजन कराये
विश्वकर्मा के प्रमुख निर्माण
भगवान विश्वकर्मा ने हर युग में देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग वस्तुओं का निर्माण किया। इसमें सोने की लंका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, पाताल लोक, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, श्रीकृष्ण की द्वारिका, वृंदावन, सुदामापुरी, गरुड़ का भवन, कुबेरपुरी और यमपुरी का निर्माण किया।